प्रशिक्षण
1. प्रशिक्षण
तिलहन अनुसंधान निदेशालय तिलहनी फसलों के बीजोत्पादन के साथ साथ तिलहन उत्पादन और सुरक्षा प्रौद्योगिकियों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम चलाता है। राष्ट्रीय स्तर के अधिकांश प्रशिक्षण पाठयक्रम भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के विस्तार निदेशालय द्वारा प्रायोजित किए जाते हैं। जिनमें कृषि राज्य विभागों के विभिन्न स्तर के विस्तार कर्मी भाग लेते हैं। संस्थान राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, भा.कृ.अ.प. के वैज्ञानिकों तथा निजी संगठनों के लिए भी विशेष प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। इसके अतिरिक्त निदेशालय भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की स्वीकृति से राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के संकाय सदस्यों के लिए 21 दिनों की अवधि के शरद कालीन प्रशिक्षण भी आयोजित करता है।
प्रशिक्षण के व्यापक क्षेत्र
1. अरण्ड और सूरजमुखी में संकर बीजोत्पादन प्रौद्योगिकी
2. आण्विक मार्करों का उपयोग करके संकर शुद्धता का मूल्यांकन
3. सर्वोच्च उपज लेने के लिए तिलहन उत्पादन प्रौद्योगिकी
4. समेकित नाशकजीव प्रबंध
5. तिलहनों में समेकित पोषक तत्व प्रबंध
6. तिलहनों के लिए कम लागत की उत्पादन प्रौद्योगिकी
7. सूक्ष्म जैविक एजेंटों का व़हत प्रगुणन व उनका उपयोग
क्रियाविधि
ये प्रशिक्षण कार्यक्रम परिचर्चा मोड में आयोजित किए जाते हैं और इनमें कक्षाओं में व्याख्यान के अलावा आधुनिक दृश्य-श्रव्य सहायताएं भी उपलब्ध होती हैं। प्रशिक्षण सत्रों में तात्कालिक अनुभव के साथ-साथ कीटनाशकजीवों और रोगों को पहचानने, पोषकतत्वों की कमी के लक्षणों को जानने के लिए खेत भ्रमण आयोजित किए जाते हैं, बीज उत्पादन प्लाटों का दौरा कराया जाता है, प्रयोगशालाओं में कार्य किया जाता है, सामूहिक चर्चाएं होती हैं और कार्यनीतिपरक योजनाएं विकसित की जाती है। प्रशिक्षण आवश्यकता मूल्यांकन प्रशिक्षण पूर्व या प्रशिक्षण के बाद मूल्यांकन कार्यविधियों के अभिन्न अंग हैं।
संकाय
निदेशालय में सस्यविज्ञान, पादपप्रजनन, पादपरोगविज्ञान, कीटविज्ञान, सूत्रकृमिविज्ञान, पादपकार्यिकी, जैव रसायनविज्ञान, जैवप्रौद्योगिकी, आनुवंशिकी एवं कोशिकानुवंशिकी, मृदा विज्ञान, कृषि रसायनविज्ञान, कृषि अर्थशास्त्र, कृषि विस्तार, कृषि सांख्यिकी और कम्प्यूटर अनुप्रयोग जैसे विषयों के अच्छे अनुभवी व प्रतिष्ठित संकाय सदस्य मौजूद हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न तिलहनी फसलों के संसाधन व्यक्ति /विशेषज्ञ भी नियमित रूप से आमंत्रित किए जाते हैं और ये व्यक्ति / विशेषज्ञ अखिल भारतीय समन्वि ततिलहन अनुसंधान केन्द्रों, परियोजना समन्वयकों तथा अनुसंधान निदेशालयों के होते हैं जो मूंगफली, सोयाबीन व तोरिया सरसों पर कार्य कर रहे हैं। इक्रीसेट, भा.कृ.अ.प. संस्थानों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, राष्ट्रीय बीज निगम, डीओडी आदि से भी संसाधन विशेषज्ञ आवश्यकता के अनुसार समय.समय पर आमंत्रित किए जाते हैं।
सुविधाएं
तिलहन अनुसंधान निदेशालय में प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए उत्कृष्ट सुविधाएं हैं।यह नवीनतम दृश्य.श्रव्य सहायताओं, जन सम्बोधन प्रणाली, भली प्रकार सुसज्जित पुस्तकालय, संग्रहालय तथा कम्प्यूटर और इंटरनेट सुविधाओं से युक्त है और इसके तीन अनुसंधान फार्म भी हैं।